We’re not Turkey where religious symbols are banned in public: Students on hijab
अमित शाह का बड़ा बयान-10 मार्च को भाजपा लाओ, 18 को फ्री गैस सिलेंडर पाओ
औरैया के दिबियापुर में आज एक जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बड़ा बयान दिया है और कहा है कि 10 मार्च को भाजपा लाओ, होली के दिन 18 को फ्री गैस सिलेंडर पाओ. इसके साथ ही उन्होने अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान खत्म हो चुका है और अब तीसरे चरण के मतदान के लिए
राजनीतिक पार्टियों की तैयारी चल रही है. जहां एक तरफ राजनीतिक दल द्वारा एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं तो वहीं जनता से लोकलुभावन वादे भी किए जा रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज चुनाव प्रचार करने औरैया के दिबियापुर पहुंचे और जनता से बड़ा वादा किया. शाह ने कहा कि होली 18 (मार्च) को है, मतगणना 10 मार्च को, ऐसे में अगर बीजेपी की सरकार 10 को सत्ता में आती है तो, 18 को होली खास मनेगी. लोगों को मुफ्त गैस सिलेंडर उनके घर पहुंचाया जाएगा. इसके साथ ही अमित शाह ने कहा कि अगले 5 साल तक किसी भी किसान को बिजली बिल नहीं देना होगा.
खिलेश ने किया वादा-हम राशन के साथ घी-सरसों तेल देंगे, साथ मे दो सिलेंडर भी
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान से पहले चुनाव प्रचार जोरों पर है. आज रायबरेली में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा पर हमला बोला और जनसभा को संबोधित करते हुए बड़ा वादा किया. कहा-हम राशन ही नही, राशन के साथ घी-सरसों तेल देंगे, साथ मे दो सिलेंडर भी.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज रायबरेली में चुनाव प्रचार के दौरान आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ‘‘समाजवादियों ने पहले भी राशन दिया था. जब तक सपा की सरकार है, हम अपने गरीबों को राशन देंगे. इसके साथ ही हम एक साल में सरसों का तेल के साथ-साथ दो सिलेंडर भी देंगे और गरीबों के स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए उन्हें एक किलोग्राम घी भी दिया जाएगा.’’ अखिलेश आज सत्तारूढ़ बीजेपी पर जमकर बरसे. उन्होंने दावा किया कि इस समय गरीबों को जो राशन मिल रहा है, वह केवल चुनाव तक मिलने वाला है. चुनाव के बाद यह नहीं मिलेगा. अखिलेश ने कहा कि पहले इसे नवंबर तक दिया जाना था, लेकिन जब उत्तर प्रदेश चुनाव की घोषणा की गई,
तो उन्होंने कहा कि मुफ्त राशन मार्च तक मिलेगा. दिल्ली के बजट में राशन का पैसा नहीं रखा है, क्योंकि वह जानते हैं कि मार्च में चुनाव खत्म हो जाएगा. इससे पहले सोमवार को अखिलेश यादव ने झांसी में कहा कि गरीबों को कभी भी घी और सरसों का तेल नहीं मिला था. समाजवादियों ने बांट कर दिखाया था. इस बार भी हमें गरीबों को राशन से लेकर के अगर उन्हें पौष्टिक आहार कैसे मिले, घी और सरसों का इंतजाम करना पड़ेगा तो हम लोग इंतजाम करेंगे. अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार द्वारा वितरित किए जा रहे राशन की गुणवत्ता खराब थी और नमक में कांच के कण पाए जाने की भी खबरें आई थीं. उन्होंने पूछा कि क्या नमक गुजरात से नहीं आ रहा है. अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 11 लाख सरकारी रिक्तियां हैं और सपा सरकार उन पदों को भरकर युवाओं को रोजगार देगी. सपा प्रमुख ने कहा, ‘‘जिस दिन से लोगों ने खाली सिलेंडर दिखाया, बीजेपी नेताओं का घर-घर जाकर प्रचार बंद हो गया.’’
1 kg ghee, free ration to poor for 5 yrs if SP comes to power in UP: Akhilesh
Woman BJP worker bites constable’s hand during protest in Mumbai; held
This isn’t last judgment: Tejashwi as Lalu convicted in fodder case
चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार मामले में लालू यादव दोषी करार, CBI कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
बिहार में हुए चारा घोटाला मामले के डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में आज रांची हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए लालू यादव को दोषी करार दिया है, कोर्ट के आज के फैसले पर सबकी निगाहें टिकी हुई थीं. लालू अपनी बड़ी बेटी मीसा के साथ रांची पहुंचे थे.
By Kajal Kumari
चारा घोटाला मामले में आज अहम दिन है. डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी में आज RJD सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Yadav) आज अहम फैसला सुना सकती है. चारा घोटाले (Fodder Scam) के पांचवें केस में फंसे राजद सुप्रीमो लालू यादव की किस्मत का आज फैसला होगा. डोरंडा (Doranda) कोषागार से अवैध निकासी में अगर सजा हुई तो लालू को फिर से जेल जाना होगा. इस मामले में फैसला आज होनेवाला है. लालू केस की सुनवाई के लिए पटना से रांची पहुंच चुके हैं उनके साथ उनकी बेटी मीसा भारती भी रांची गई हैं.
चार मामलों में पहले ही लालू को सजा सुना दी गई है
बता दें कि चारा घोटाला के चार मामलों में पहले ही लालू प्रसाद यादव समेत अन्य लोगों को सजा सुना दी गई है. चारा घोटाले के पांचों मामलों में एक ही गवाह और डॉक्यूमेंट्स हैं और उसी के आधार पर चार मामलों में अलग-अलग पीरियड की सजा सुनाई गई है. ऐसे में डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में भी उन्हीं गवाह और डॉक्यूमेंट्स पर फैसला होना है. ऐसे में लालू के लिए परेशानी बढ़ सकती है. Also Read – Bihar News: शिलान्यास के बाद 19 साल का लंबा इंतजार, आज मुंगेर को मिल रही है ये खास सौगात, क्यों खास है श्रीकृष्ण सेतु, जानिए
क्या है डोरंडा कोषागार से निकासी मामला
बता दें कि 1990 से 1995 के बीच डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी हुई थी. ये चारा घोटाले का सबसे बड़ा मामला है. साल 1996 में दर्ज हुए इस केस में 170 लोग आरोपी थे, इस मामले में अबतक 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है तो वहीं सात आरोपी सरकारी गवाह बने. दो आरोपियों ने दोष स्वीकार किया, छह आरोपी अब तक फरार हैं. 99 आरोपियों पर फैसला आना बाकी है.
Lalu Prasad Yadav convicted of illegally withdrawing ₹139.35 cr in 5th fodder scam case
Hijab Row: हिजाब विवाद पर आया Nitish Kumar का बयान, जानें क्या बोले बिहार के सीएम
कर्नाटक में हिजाब को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. कर्नाटक हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है. इन सबके बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं.
कर्नाटक में हिजाब को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. कर्नाटक हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है. इन सबके बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं. मुख्यमंत्री सोमवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए हिजाब को लेकर छिड़े विवाद पर पूछे जाने पर कहा कि यह सब बेकार की बात है. उस पर बोलने का कोई औचित्य नहीं है. इस मामले को लेकर लोग अदालत गए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के स्कूलों में सभी बच्चे एक ही तरह के ड्रेस पहनते हैं. उन्होंने कहा कि देश-दुनिया में कोई बात होती है, वह एक अलग बात है, बिहार में ऐसी कोई बात नहीं है. हमलोग तो काम करने में लगे हुए हैं. सबके लिए हमलोग काम करते हैं और सबकी इज्जत करते हैं.उन्होंने कहा कि मूर्ति लगाना या अपने-अपने ढंग से पूजा करना, यह सबकी अपनी-अपनी मान्यता है. हमलोगों के हिसाब से इस पर बहस करने
की कोई जरूरत नहीं है. बिहार को विशेष राज्य के दर्जे के संबंध में पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष राज्य के दर्जा के लिये हमलोगों ने पहले भी अभियान चलाया. हमलोग अपनी मांग रखे ही हुए हैं. उन्होंने कहा कि हमलोग सब NDA सरकार का ही हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि हाल में नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार को सबसे पिछड़ा बताया गया है. उन्होंने कहा कि हमलोगों को वर्ष 2005 से काम करने का मौका मिला है, तबसे कितना मेहनत किया और बिहार को कहां से कहां पहुंचाया. उसके बावजूद भी अगर बिहार पीछे है तो उसका कारण है कि हमारा क्षेत्रफल कम है लेकिन हमारी आबादी बहुत ज्यादा है. एक वर्ग किलोमीटर में जितनी आबादी बिहार में है, उतनी आबादी इस देश में कहीं भी नहीं है और शायद दुनिया में भी कहीं नहीं है. बिहार में विकास की दर बढ़ी है. प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है ये 2009 से ही रिपोर्ट आ रही है. बिहार में यहां की सरकार के द्वारा जो काम किया जा रहा है उसके चलते प्रोग्रेस जरूर हुई है. विशेष राज्य का दर्जा मिलने से आज जो स्थिति है उससे बहुत तेजी से राज्य आगे बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि हमलोग तो अपनी बात कहेंगे और अपना काम करते रहेंगे. विशेष राज्य के दर्जे की मुहिम पर संसद में उठे सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सबका अपना-अपना विचार होता है. यह कोई व्यक्तिगत विचार नहीं है बल्कि यह जनहित में है, राज्य के हित में है. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जातिगत जनगणना के मुद्दे पर हमलोगों की आपस में बातचीत तो हुई ही है. हमलोग मन बनाकर बैठे हुए हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने भी कहा है कि यदि कोई राज्य जातीय जनगणना करना चाहे तो करे. हमलोग इसी पर कह रहे हैं कि यहां पर सब लोग बातचीत करेंगे. जातीय जनगणना होने से सबको जानकारी हो जायेगी कि किस जाति की कितनी आबादी है.
Mirza Ghalib Death Anniversary: ‘रोयेंगे हम हज़ार बार, कोई हमें सताए क्यूं’, दिल जलाते हैं मिर्ज़ा ग़ालिब के शेर
रोयेंगे हम हजार बार, कोई हमें सताए क्यूं’, दिल जलाते हैं मिर्ज़ा ग़ालिब के शेर
दुनिया के सबसे नामचीन शायर मिर्ज़ा ग़ालिब के तआरुफ़ के लिए कहना तो बहुत कुछ है लेकिन शब्द कम हैं. क्या लिखें. क्या कहें. जो बह रहा है रगो में आज भी उसकी मय्यत का जिक्र कैसे करें. गालिब साहब की आज पुण्यतिथि है.
ग़ालिब का जन्म 27 दिसंबर 1797 को आगरा में हुआ था. उर्दू अदब मिर्ज़ा ग़ालिब का शायराना अंदाज आज भी रगो में दौड़ता है. रंगमच से लेकर टेलिविजन तक ग़ालिब के हर एहसास को बखूबी दिखाया गया है. ग़ालिब की शायरी की सबसे ख़ूबसूरत बात ये है कि वो किसी एक रंग या किसी एक एहसास से बंधे नहीं, हर मौज़ू पर उनका शेर मौजूद है. हिंदी सिनेमा में मिर्जा ग़ालिब के नाम से पहली फिल्म बनी थी. भारत भूषण ने ग़ालिब का किरदार निभाया था. हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में भी ग़ालिब पर फिल्म बनाकर उन्हें इज्जत बख्शी गई थी. गुलजार ने भी मिर्जा ग़ालिब पर सन् 1988 में एक सीरियल बनाया था. जिसे काफी पसंद किया गया. नसीरुद्दीन शाह ने इसमें ग़ालिब का रोल किया था. इस अंदाज में वे खूब जमे थे. एक वक्त था जब नसीर को देखते ही लोग ग़ालिब पुकारने लगते थे. सुरेंद्र वर्मा का लिखा प्ले कैद-ए-हयात. ये प्ले मिर्जा ग़ालिब की निजी जिंदगी पर आधारित था. इसे नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा ने परफॉर्म किया था. इस असाधारण व्यक्ति, गालिब का पूरा नाम असदुल्लाह था और उनका तखल्लुस पहले ‘असद’ था बाद में ‘गालिब’ रखा. मिर्ज़ा गालिब ने अपने फारसी के 6600 शेर और उर्दू के 1100 शेर वाले दीवान पूरे किए थे. उनका संग्रह ‘दीवान’ कहलाता है. दीवान का सीधा सा अर्थ है शेरों का संग्रह.बहुत ही छोटी उम्र में ग़ालिब की शादी हो गई थी. ऐसा कहा जाता है कि उनके सात बच्चे हुए, लेकिन उनमें से कोई भी जिंदा नहीं रहा सका. अपने इसी गम से उबरने के लिए उन्होंने शायरी का दामन थाम लिया. नसीरुद्दीन शाह ने एक इंटरव्यू में कहा था कि मिर्जा गालिब की शायरी इतनी गहरी है कि दिमाग की नसें खोल देती है. एक और बानगी देखिए:
आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक
कौन जीता है तिरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक
बस-कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होना
आदमी को भी मयस्सर नहीं इंसाँ होना
दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है
आख़िर इस दर्द की दवा क्या है
हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन
दिल के ख़ुश रखने को ‘ग़ालिब’ ये ख़याल अच्छा है
कहाँ मय-ख़ाने का दरवाज़ा ‘ग़ालिब’ और कहाँ वाइज़
पर इतना जानते हैं कल वो जाता था कि हम निकले
जाने माने गीतकार गुलज़ार कहते हैं कि वो अपने आप को मशहूर उर्दू शायर मिर्ज़ा ग़ालिब का मुलाज़िम मानते हैं. इतना ही नहीं वो तो यहां तक कहते हैं कि वो ग़ालिब की पेंशन ले रहे हैं जो ख़ुद ग़ालिब नहीं ले पाए.
ग़ालिब की शायरी ने उर्दू अदब को नए पंख और नया आसमान दिया. ग़ालिब की शायरी की सबसे ख़ूबसूरत बात ये है कि वो किसी एक रंग या किसी एक एहसास से बंधे नहीं, हर मौज़ू पर उनका शेर मौजूद है.
आईना देख अपना सा मुँह ले के रह गए
साहब को दिल न देने पे कितना ग़ुरूर था
हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन
दिल के ख़ुश रखने को ‘ग़ालिब’ ये ख़याल अच्छा है
बल्ली मारां की वो पेचीदा दलीलों की-सी गलियाँ
एक कुरआने सुखन का सफ्हा खुलता है
असद उल्लाह खाँ गालिब का पता मिलता है
15 फरवरी, 1869 को मिर्जा गालिब का इंतकाल हो गया. लेकिन ऐसी शख्सियत मरती कहां हैं. वो तो जिंदा रहती हैं दिल में, दिमाग में, किताबों में, अल्फाजों में, कहानियों में, प्रेम में, अहसासों में, ख्वाबों में, ख्वाहिशों में, जहन में, जिंदगी में. ऐसी शख्सियत मरती कहां हैं.
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